डाडासीबा, हिमशिखा न्यूज़ 15/12/2021
बहरपेन और श्रवण हानि रोकने के लिए पराशर ने बांटी निशुल्क 1599 मशीनें
-ग्रामीण क्षेत्रों में बुजर्गों को हुआ है विशेष रूप से फायदा
‘कान हैं तो जहान है’ के सूत्रवाक्य पर कार्य करते हुए कैप्टन संजय ने जसवां-परागपुर क्षेत्र में बहरेपन और श्रवण हानि रोकने के लिए इतिहास रच दिया है। पराशर द्वारा आयोजित मेडीकल कैंपों में अब तक 1599 लोगों को कानों की सुनने वाली मशीनें निशुल्क में वितरित की गई हैं। सही मायनों में यह स्वास्थ्य शिविर ग्रामीण जनता के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। इन स्वास्थ्य शिविरों में मरीजों का मशीन से बधिरता का परीक्षण किया जाता है। अब तक पराशर द्वारा लगाए गए ऐसे कैंपाें में से 3254 लोगों ने अपने कानों की जांच करवाई है। कैंप में मरीजों को कानों की मशीनें प्रदान की जाती हैं। ग्रामीणों विशेष रूप से बुजुर्गों को इसका फायदा हुआ है और उन्हें अब पहले से बेहतर सुनाई देने लगा है। शिविरों में 1640 मरीजों को कानों की दवाई भी निशुल्क दी गई।
कैप्टन संजय ने पहला मेडीकल कैंप जसवां-परागपुर क्षेत्र के स्वाणा गांव में लगाया था। इस कैंप में बड़ी संख्या में मरीज आंखाें व अन्य बीमारियोें की जांच के लिए पहुंचे थे।। उस शिविर में कई मरीजों ने पराशर से आग्रह किया था कि कानों की जांच के लिए भी विशेषज्ञों की टीम भी कैंप में होनी चाहिए। उसके बाद अगले चिकित्सा शिविर रौड़ी-कौड़ी में पराशर ने ऑडियोलॉजिस्ट व ऑडियोमेट्री सहायक को भी कैंप में सेवाएं देने के लिए बुला लिया। इसी कैंप में 92 मरीजों को कानों की मशीनें दी गईं। इसके बाद रिड़ी कुठेड़ा के मेडीकल कैंप में 144 मरीजों की मशीनें निशुल्क में उपलब्ध करवाई गईं। अब तक रक्कड़ के कैम्प में सबसे ज्यादा 174 कोनों को सुनने वाली मशीनें बांटी गई हैं। कड़ोआ, पपलोथर, नंगल चौक, मनियाला, मूंही, कस्बा कोटला, मेहड़ा, जम्बल, बाड़ी और शांतला में भी सैंकड़ों लोगों ने अपनी कानों की जांच करवाई। बड़ी बात यह भी है कि इन मेडीकल कैंपों में बीस प्रतिशत मरीज अकेले कानों की जांच करवाने ही पहुंच रहे हैं और इनमें से पचास प्रतिशत मरीजों को कानों की मशीन की जरूरत भी पड़ रही है। दिलचस्प यह भी है कि संजय पराशर के माध्यम से हर ऐसे मरीज को मशीनें दी जा रही हैं। प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र, परागपुर से भी 28 मरीजों को निशुल्क कानों के सुनने की मशीनें मुहैया करवाई गई हैं। सलेटी गांव की वीना देवी, नंगल चौक से रोशन लाल, निचला स्वाना से प्रकाश चंद, लग से रामरतन, तियामल से शीला देवी और बठरा से चंचला देवी ने बताया कि उन्हें उम्र व अन्य कारणों के चलते कम सुनाई देने लगा था, लेकिन पराशर द्वारा आयोजित कैंप में कानों की निशुल्क मशीन मिलने के बाद अब वे बेहतर तरीके से सुन पा रहे हैं। इन सभी ने पराशर का आभार जताते हुए कहा कि वह घर-द्वार पर ऐसी सेवाएं देकर सामाजिक सरोकारों की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। वहीं, कैप्टन संजय ने कहा कि आंखों व कानों के मेडीकल चेक अप कैंप अब 14 दिसम्बर को घमरूर पंचायत के बरनाली गांव में लगाया जा रहा है, जहां पर कानों की मशीनें मरीजों को निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी।