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शिमला,हिमशिखा न्यूज़। 27/03/2022 

सूचना आयोग का फैसला आरटीआई की गिरदावरी में सरकारी भूमि के अतिक्रमण की रिपोर्ट रिकॉर्ड नहीं कर सकते पटवारी

कोई भी पटवारी या राजस्व अधिकारी सरकारी भूमि के मालिकाना हक, कब्जे, किराये और वर्गीकरण को न तो मिटा सकता है और न ही उसे तय कर सकता है। ऐसा केवल जिला नियंत्रक के आदेश से ही हो सकता है। यह टिप्पणी राज्य मुख्य सूचना आयुक्त नरेंद्र चौहान ने एक अपील पर की है। ख़बर सुनें विस्तार राज्य सूचना आयोग ने कहा कि सरकारी भूमि के अतिक्रमण को गिरदावरी या जमाबंदी में पटवारी नहीं कर सकता है। हालांकि, वह अतिक्रमण का मामला तैयार कर सकता है। सरकारी जमीन के अलावा अन्य भूमि का पटवारी या अन्य निरीक्षण अधिकारी वर्गीकरण बदल सकता है, यदि यह अविवादित हो। ऐसा भी घटनास्थल की स्थिति के हिसाब से हो सकता है, लेकिन बंजर भूमि बारानी बन गई हो या बारानी जमीन सिंचित या इसके उलट हो गई हो। कोई भी पटवारी या राजस्व अधिकारी सरकारी भूमि के मालिकाना हक, कब्जे, किराये और वर्गीकरण को न तो मिटा सकता है और न ही उसे तय कर सकता है। ऐसा केवल जिला नियंत्रक के आदेश से ही हो सकता है। विज्ञापन यह टिप्पणी राज्य मुख्य सूचना आयुक्त नरेंद्र चौहान ने एक अपील पर की है। पालमपुर निवासी अपीलकर्ता बलवीर सिंह ने आरटीआई की दरख्वास्त में तहसील कार्यालय पालमपुर के जनसूचना अधिकारी से सूचना मांगी। यह वर्ष 2019 की गिरदावरी से संबंधित थी। यह मोहाल भरार मौजा सिद्धपुर सरकारी के बारे में मांगी गई। प्रतिवादी ने इस संबंध में आवेदक को जवाब दिया कि यह सूचना थर्ड पार्टी से संबंधित है कि नहीं। इसके बाद आवेदक को गिरदावरी रिपोर्ट भी भेजी गई, मगर आयोग के समक्ष आवेदक ने अपील दायर की कि उसे अधूरी सूचना दी गई है।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

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