शिमला | समग्र शिक्षा के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने समग्र शिक्षा निदेशालय पहुंचकर अपने कर कमलों से समग्र शिक्षा की कई महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया। बीते लगभग 24 वर्षों में यह पहला अवसर है जब कोई मुख्यमंत्री समग्र शिक्षा निदेशालय पहुंचे हैं। इससे पूर्व वर्ष 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने निदेशालय का दौरा किया था।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एलईपी 2.0 की लांचिंग के साथ नव-निर्मित विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) का उद्घाटन किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने समग्र शिक्षा निदेशालय में स्थापित एजुकेशन गैलरी, प्रोग्राम मैनेजमेंट स्टूडियो–कॉन्फ्रेंस एरिया, नया कॉन्फ्रेंस हॉल तथा सेंट्रल हीटिंग सिस्टम का भी विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक सुरेश कुमार एवं सुदर्शन बबलू, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली व अतिरिक्त निदेशक बी.आर. शर्मा, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री का पारंपरिक टोपी व शाल पहनाकर स्वागत किया।
शिक्षा में गुणात्मक सुधार सरकार की पहली प्राथमिकता
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने कार्यभार संभालते ही शिक्षा को पहली प्राथमिकता दी। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ठोस निर्णय आवश्यक थे, जिनकी शुरुआत की जा चुकी है और आने वाले समय में इस दिशा में और भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने और शिक्षकों के युक्तिकरण से स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, जिससे शिक्षण गुणवत्ता में सुधार आया है। स्कूली शिक्षा के लिए अलग निदेशालय का गठन किया गया है। नए संस्थान खोलने की बजाय पहले से स्थापित संस्थानों को सुदृढ़ करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में अंग्रेज़ी माध्यम लागू करने का निर्णय भी इसी सोच का परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बड़े स्तर पर शिक्षकों की भर्तियां की हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। सरकार के प्रयासों से हिमाचल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में 21वें स्थान से छलांग लगाकर 5वें स्थान पर पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि शिक्षा के बजट में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना का उल्लेख करते हुए कहा कि इन स्कूलों का उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है। सरकार का लक्ष्य है कि ऐसे विद्यालय विकसित किए जाएं, जहां अध्ययन के साथ खेलकूद और अन्य आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हों। इसके साथ ही स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने का निर्णय लिया गया है, ताकि विद्यार्थी प्रतिस्पर्धात्मक युग में बेहतर ढंग से आगे बढ़ सकें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी लाई जा रही है और शिक्षक समुदाय से इन सुधारों में सहयोग की अपील की।