कागडा़,हिमशिखा न्यूज़ 31/01/2022
बाबा घाटी दरबार की शान निराली
“बाबा घाटी दरबार” हिमाचल प्रदेश में स्थित ब्यास नदी (पोंग बांध) के पास एक हिंदू धार्मिक स्थान है। घाटी वाले बाबा जी के मंदिर का इतिहास बेहद ही खूबसूरत है। एक बार एक मछुआरे ने मछलियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया जब उसने जाल को खींचा तो जाल बहुत भारी हो गया। उसने सोचा आज बहुत मछलियां फंस गई हैं । जब उसने जाल को बाहर खींचा तो उसमें महात्मा श्री हंस राज जी थे। उनकी लम्बी लम्बी व काली जटाऐं थी और वह जल में समाधि लगाये बैठे थे। तब उसने महात्मा जी से क्षमा मांगी और महात्मा जी ने उसको वहां से जाने को कह दिया। मछुआरे ने इन महात्मा के बारे में सभी ग्राम वासियों को बताया । मछुआरे को दर्शन देने के बाद महात्मा जी ब्यास नदी के किनारे घाटी के जंगलों में तपस्या करने लगे और वहीं पर अपनी समाधि लगा ली। महात्मा की तपस्या और समाधि के लिए उनके द्वारपाल सुदामा जी ने उनके लिए एक कुटिया और एक गुफा बनाई। जब किसी को कोई समस्या आती या कोई गंभीर बीमारी से ग्रस्त होता तो वह महात्मा जी के पास जाते और जाने के बाद वहां ठीक होने लगे। दूरदराज के कई श्रद्धालु वहां आने लगे। इस प्रकार यह स्थान मंदिर घाटी वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस जगह के अंदर और बाहर बहुत ही ख़ूबसूरत सुंदर दृश्य हैं ।