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हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। वर्तमान में राज्य के कई अनछुए गंतव्य स्थलों की ओर देश और विदेश के पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को सुलभ और सुविधापूर्ण परिवहन के साधन उपलब्ध करवाने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
हिमाचल प्रदेश रेल, सड़क और हवाई संपर्क के माध्यम से देश के अलग-अलग स्थानों से जुड़ा है। हवाई सेवा और पर्यटन एक दूसरे के पर्याय हैं। प्रदेश में आने वाले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक अच्छी कनेक्टिविटी चाहते हैं और हवाई सेवाएं इसमें मुख्य भूमिका निभा सकती हैं।  
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में हवाई परिवहन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए हाल ही में कई कदम उठाए गए हैं। रामपुर, बद्दी, कांगनीधार (मंडी) और सासे (हिम और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान), मनाली में हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। इससे क्षेत्र में पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ सुविधा-संपन्न पर्यटक कम समय में हिमाचल के अनछुए पर्यटक स्थलों में पहुंच पाएंगे।
शिमला शहर में संजौली और सोलन के बद्दी हेलीपोर्ट से हेली-टैक्सी सेवा भी जल्द शुरू की जाएगी। इसके अतिरिक्त हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, लाहौल एवं स्पीति, किन्नौर और ऊना जिलांे को हवाई सेवा सुविधा प्रदान करने के लिए यहां हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इन हेलीपोर्ट के निर्माण और विकास के लिए 30 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार हेलीपोर्ट के निर्माण के साथ-साथ हवाई अड्डों के विस्तार व निर्माण पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के अलावा मण्डी में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भी प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। मंडी हवाई अड्डे का सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट (एसआईए) सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। इसके उपरांत भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राज्य सरकार द्वारा कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा तैयार मास्टर प्लान के कार्यान्वयन में तेजी लाई जा रही है। कांगड़ा हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई मौजूदा 1,372 मीटर से बढ़ाकर 3,010 मीटर करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले वित्तीय वर्ष के मध्य तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे बड़े हवाई जहाजों की लैंडिंग में सुविधा होगी और लोगों को प्रतिस्पर्धी दरों पर हवाई सेवा की सुविधा उपलब्ध होगी।
राज्य सरकार वैश्विक पर्यटन स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य के प्रमुख शहरों के लिए हवाई संपर्क बहुत महत्वपूर्ण है। इससे राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में यातायात जैसी समस्या से निजात दिलाएगा।

राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई संपर्क सेवाएं होंगी सुदृढ़
हेलीपोर्ट के निर्माण व विकास पर व्यय होंगे 30 करोड़ रुपये

हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। वर्तमान में राज्य के कई अनछुए गंतव्य स्थलों की ओर देश और विदेश के पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को सुलभ और सुविधापूर्ण परिवहन के साधन उपलब्ध करवाने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
हिमाचल प्रदेश रेल, सड़क और हवाई संपर्क के माध्यम से देश के अलग-अलग स्थानों से जुड़ा है। हवाई सेवा और पर्यटन एक दूसरे के पर्याय हैं। प्रदेश में आने वाले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक अच्छी कनेक्टिविटी चाहते हैं और हवाई सेवाएं इसमें मुख्य भूमिका निभा सकती हैं।  
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में हवाई परिवहन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए हाल ही में कई कदम उठाए गए हैं। रामपुर, बद्दी, कांगनीधार (मंडी) और सासे (हिम और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान), मनाली में हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। इससे क्षेत्र में पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ सुविधा-संपन्न पर्यटक कम समय में हिमाचल के अनछुए पर्यटक स्थलों में पहुंच पाएंगे।
शिमला शहर में संजौली और सोलन के बद्दी हेलीपोर्ट से हेली-टैक्सी सेवा भी जल्द शुरू की जाएगी। इसके अतिरिक्त हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, लाहौल एवं स्पीति, किन्नौर और ऊना जिलांे को हवाई सेवा सुविधा प्रदान करने के लिए यहां हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इन हेलीपोर्ट के निर्माण और विकास के लिए 30 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार हेलीपोर्ट के निर्माण के साथ-साथ हवाई अड्डों के विस्तार व निर्माण पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के अलावा मण्डी में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भी प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। मंडी हवाई अड्डे का सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट (एसआईए) सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। इसके उपरांत भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राज्य सरकार द्वारा कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा तैयार मास्टर प्लान के कार्यान्वयन में तेजी लाई जा रही है। कांगड़ा हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई मौजूदा 1,372 मीटर से बढ़ाकर 3,010 मीटर करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले वित्तीय वर्ष के मध्य तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे बड़े हवाई जहाजों की लैंडिंग में सुविधा होगी और लोगों को प्रतिस्पर्धी दरों पर हवाई सेवा की सुविधा उपलब्ध होगी।
राज्य सरकार वैश्विक पर्यटन स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य के प्रमुख शहरों के लिए हवाई संपर्क बहुत महत्वपूर्ण है। इससे राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में यातायात जैसी समस्या से निजात दिलाएगा।

By HIMSHIKHA NEWS

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