शिमला की धाली नर्सरी हर प्रकार की प्लांटेशन के लिए उपयुक्त
राजधानी शिमला की कुसुंप्टी विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ने वाली धाली वैली हर प्रकार के पौधों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। यहां पर गर्म जलवायु में उगने वाले पौधों के साथ-साथ ठंडे जलवायु में उगने वाले पौधों के लिए यह घाटी वरदान साबित हो रही है। यहां पर वन विभाग का डिवीजन शिमला, कोटी वन परिक्षेत्र और बीट करोली की नर्सरी धाली बागड़ा समुद्र तल से 1540 मीटर की उंचाई पर स्थित है। इस नर्सरी में ईमारती लकड़ी के साथ-साथ फ्यूल वुड,
छायादार वृक्ष तथा फलदार पौधे भी लगाए जाते हैं। जो कि न सिर्फ शिमलाबल्कि अन्य स्थानों में भी भेजे जाते हैं। खास बात यह है कि यहां के पौधे हर वातावरण की परिस्थितियों के अनुरूप ढलने में सक्षम हैं बागवानी एवं सब्जियों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध धाली बागड़ा की यह नर्सरी कई मायनों में सार्थक साबित हो रही है। यहां पर माली पद का कार्यभार संभाल रहे ख्याली राम ने बताया कि यह नर्सरी 0.15 हैक्टेयर में फैली हुई है तथा यहां पर विभिन्न प्रजातियों की पौध तैयार की जाती है। जलवायु की दृष्टि से यह क्षेत्र पौध तैयार करने में बहुत कारगर है। उन्होंने बताया कि बीट आफिसर रूपेंद्र शर्मा के सहयोग से उन्हें समय-समय पर हर सभी जरूरतों को
पूरा जाता है। यहां पर पानी की सुविधा के लिए टैंक बनाया गया है जिससे कभी पूर्ण रूप से बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। ख्याली राम ने बताया कि यहां देवदार, बान, मैहलूक, रीठा, अमरूद, दाड़ू आदि शामिल है।
