हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से वर्तमान प्रदेश विश्वविद्यालय की वित्तीय स्तिथि पर ज्ञापन सौंपा । संघ के अध्यक्ष के साथ प्रो चंद्रमोहन , प्रो शिवकुमार डोगरा , डॉ जोगिन्दर सकलानी , डॉ राम लाल डॉ अंजलि जी ने राज्यपाल महोदय जी को समय पर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान राशि जारी ना करने के मामले पर हस्तक्षेप करने की बात कही । उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता की और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।इसके बाद आठवें दिन जोरदार प्रदर्शन कुलपति कार्यालय के बाहर किया गया । इस प्रदर्शन में ग़ैर शिक्षक कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया । डॉ नीतिन व्यास ने बताया की कल रात को विश्वविद्यालय अनुदान राशि की फाइल सरकार द्वारा हस्ताक्षरित की गई जिसकी वजह से आज दोपहर सभी कर्मचारियों का वेतन मिला । इन्होंने बताया कि अभी हमारा आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है जब तक एक मुश्त अनुदान राशि विश्वविद्यालय के खाते में नहीं जारी की जाती आंदोलन यूँ ही चलता रहेगा । उन्होंने बताया कि आने वाले समय में एक सांझा मंच तैयार किया जाएगा जो विश्वविद्यालय के अधिकारों की लड़ाई को लड़ेगा । विश्वविद्यालय को सरकार द्वारा एक सौ बावन करोड़ को राशि अनुदान में दी गई है जबकि विश्वविद्यालय के वेतन में प्रति माह लगभग तेरह करोड़ कर्मचारियों को वेतन तथा लगभग 7 करोड़ पेंशन रिटायर्ड कर्मचारियों को दिया जाता है । जिसकी राशि कुल मिला कर प्रतिवर्ष 240 करोड़ बनती है । प्रदेश विश्वविद्यालय होने के कारण वेतन देने की जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की है । कहाँ तो सरकार को अनुदान 250 करोड़ प्रति वर्ष देना चाहिए सरकार द्वारा केवल 150 करोड़ दिया जा रहा है । आज वर्तमान में भी घाटे का सौ करोड़ विश्वविद्यालय अपने संसाधनों से अर्जित कर रहा है । इन्होंने इस समस्या का पक्का हाल निकालने के साथ साथ जो व्यक्ति जानबूझ कर विलम्ब के लिए जिम्मेवार हैं उन पर करवाई होनी चाहिए ।