शिमला,हिमशिखा न्यूज़
FA 1 मूल्यांकन में कोई बुराई नहीं : प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने आज हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम से अखबारों में छपी उस खबर का खंडन किया है जिसमें हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम से एक स्वयंभू नेता ने अपने आप को संघ का प्रदेश अध्यक्ष होने का दावा किया है और गूगल मीट में 115 शिक्षकों की बैठक होने का दावा किया है और कहा गया है कि बैठक में संघ के पदाधिकारियों ने एफ ए 1 मूल्यांकन का विरोध किया है और इस मूल्यांकन के लिए विभाग के फैसले को सरासर गलत करार दिया है ।
इस संदर्भ में वीरेंद्र चौहान ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि सबसे पहले तो आपको बता देना चाहता हूँ कि ना तो हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की कोई गूगल मीट हुई है और ना ही संघ के प्रदेशाध्यक्ष तथाकथित शिक्षक नेता नरेश महाजन है वर्तमान में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान है जिन्हे लगातार तीसरी बार शिक्षकों ने यह जिम्मेदारी दी है उस नाते यह स्पष्टीकरण देना जरूरी है कि जो लोग FA 1 का विरोध कर रहे हैं वह हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के निष्कासित लोग हैं उनका इस संगठन से कोई लेना देना नहीं है । हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का मानना है कि यदि हिमाचल सरकार व शिक्षा विभाग ने बच्चों को व्यस्त रहने के लिए और उनका मूल्यांकन करने की दृष्टि से मई माह में FA1 का मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है उसमें कोई हर्ज नहीं है कुल मिलाकर इससे शिक्षकों के द्वारा दी गई शिक्षा व पिछले 2 महीनों में बच्चों के द्वारा की गई पढ़ाई का मूल्यांकन ही तो होगा । मूल्यांकन कभी भी हो उससे बच्चे की गुणवत्ता में निखार आता है इसलिए हमें किसी तरह के मूल्यांकन का स्वागत करना चाहिए ना कि उसका विरोध करना चाहिए संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान एवं समस्त कार्यकारिणी ने कहा की जो लोग 115 शिक्षकों की गूगल मीट का के माध्यम से मीटिंग का दावा कर रहे हैं उनके पास ना तो कोई राज्य कार्यकारिणी की नोटिफिकेशन है और ना ही जिला कार्यकारिणी की नोटिफिकेशन है और ना ही खंडों की कार्यकारिणी की कोई नोटिफिकेशन संगठन की ओर से जारी हुई है। इसलिए हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ हिमाचल सरकार एवम शिक्षा विभाग से मांग करता है कि इस गंभीर महामारी के दौर में सरकार एवम विभाग के फैसले के खिलाफ जाकर होच्छि एवं घटिया राजनीति करने वाले स्वयंभू शिक्षक नेताओं के ऊपर डिजास्टर मैनेजमेंट के दायरे में अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सबक सिखाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी अपंजीकृत संगठन विभाग और सरकार के ऊपर उंगली ना उठा सके l चौहान ने सरकार और विभाग से मांग की है कि यदि पंजीकृत संगठन के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ विभाग शो कॉज नोटिस जारी कर सकता है तो इन स्यम्भू नेताओं के खिलाफ भी विभाग को अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लानी चाहिए इसे ही सरकार वह विभाग की निष्पक्षता का पता चलेगाl
शिक्षकों को covid ड्यूटी में लगाए जाने की स्थिति में उन्हें वैक्सीनेशन लगाने और Frontline Warriors घोषित करने की संघ की मांग को सरकार द्वारा प्रमुखता से अमल करने पर संघ सरकार व विभाग का आभार व्यक्त करता है