सीटू के अखिल भारतीय आह्वान पर देशभर में एक लाख कार्यस्थलों पर मजदूरों द्वारा जोरदार प्रदर्शन किये गए। शिमला में भी सीटू ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि श्रम कानूनों को खत्म कर बनाई गईं मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ, न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रुपये घोषित करने, आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा वर्करज़ को सरकारी कर्मचारी घोषित करने व हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन देने, फिक्स टर्म, ठेका, पार्ट टाइम, टेम्परेरी व कॉन्ट्रैक्ट रोज़गार पर अंकुश लगाने, आठ के बजाए बारह घण्टे डयूटी करने के खिलाफ, कोरोना काल में हुई करोड़ों मजदूरों की छंटनी, भारी बेरोजगारी, हर आयकर मुक्त परिवार को 7500 रुपये की आर्थिक मदद करना।
इसी कड़ी में आंदोलन को तेज करते हुए 7-8 जनवरी 2020 को ब्लॉक व जिला मुख्यालयों पर जेल भरो, चक्का जाम व गिरफ्तारियों के कार्यक्रम किये जाएंगे। आंदोलन के अगले चरण में 24 से 31 जनवरी तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में जत्थे चलाकर केंद्र व राज्य सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा पर मजदूरों का विराट प्रदर्शन होगा जिसमें हजारों मजदूर विधानसभा पर हल्ला बोलेंगे व सरकार को मजदूर मांगों को मानने के लिए मजबूर किया जाएगा।