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शिमला,हिमशिखा न्यूज़

हिमाचल प्रदेश के 1,760 लोग अभी भी लापताः जयराम ठाकुर
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज विधानसभा सदन को बताया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान 16,914 लोग लापता हुए थे इनमें से 15,154 व्यक्तियों का पता लगाया जा चुका है और शेष 1,760 व्यक्ति अभी भी लापता बताए गए है।
शुक्रवार को सदन में जारी वक्तव्य में उन्होंने कहा कि गत वर्ष पुलिस ने राज्य गुप्तचर विभाग ने राज्य में लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए खोज अभियान चलाया था। इस तलाशी अभियान में विभिन्न जगह से व्यक्तियों की तलाश की गई और 414 व्यक्तियों जिनमें 133 पुरूष और 279 महिला का पता लगाया गया। उन्होंने बताया कि यह आंकडा 89.6 प्रतिशत है, जो काफी संतोषजनक है।
उन्होंने बताया कि इस साल विशेष अभियान फरवरी माह में चलाया गया। पुलिस ने विभिन्न स्तरों पर खोज दल गठित किए गए। इस आश्रय गृहों, प्लेटफार्मो, बस स्टेंडो, धार्मिक स्थलों आदि में लापता व्यक्तियों को खोजने के लिए स्क्रीनिंग की गई। उन्होंने बताया कि कोरोना के संकट के बावजूद पुलिस ने 158 पुरुष, 317 महिलाओं और 56 बच्चों सहित 531 व्यक्तियों कोे खोजने में सफलता पाई। बद्दी में सबसे अधिक 97 फीसदी, जिला शिमला में 90 फीसदी, कांगडा में 78 और मंडी में 55 फीसदी व्यक्तियों का पता लगाया गया है। जो बहुत बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने लोगों के भागने बताया कि कुछ लोग घरेलू हिंसा, पढाई में असफलता, बेरोजगारी व तंग आर्थिक स्थिति के कारण कई व्यक्ति बिना बताए घर छोड़ देते है। जबकि कई मामलों में मानव तस्करी के उद्देश्य से बच्चों को बहला फुसलाना पाया गया हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया के प्रचलन से भी कई युवा प्रभावित होकर बड़े सपनों की तलाश में घर से भाग जाते हैं और प्रेम प्रसंग के मामलों में भी घर से भागना पाया गया है।

हिमाचल में बढ़ते कोरोना के मामलों पर जताई चिंता, महामारी से निपटने के लिए सरकार सतर्कः मुख्यमंत्री

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देश व प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्ति करते हुए कहा कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी की स्थिति पर पूर्ण रूप से सतर्क है।
इससे पहले विधानसभा सदन में माकपा के विधायक राकेश सिंघा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि लगातार मामले बढ़ रहे। कही नवंबर और दिसंबर जैसी स्थिति ना बन जाए। इस दौरान भारी मात्रा में मौतें भी हुई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से यह देखा गया है कि प्रदेश में कोविड-19 से ग्रसित मरीजों का आंकडा कुछ बढ़ा है। जिला कांगडा के मायतो मठ में तिब्बतियन समुदाय द्वारा तिब्बतीयन नववर्ष के समारोह मनाए जाने के उपरान्त 154 मामले पाए गए। इसकी प्रकार जिला बिलासपुर में एक औद्योगक संस्थान में कार्यरत 16 कर्मचारी कोविड-19 के प्रति पाॅजिटिव पाए गए है। वहीं सिरमौर और शिमला जिला के शिक्षण संस्थानों के छात्रावास में भी कोविड-19 के मामले पाए गए है। प्रदेश सरकार द्वारा सभी शिक्षा संस्थान खोलने व अन्य समाजिक गतिविधियों को अनुमति प्रदान करने के उपरान्त सभी जिलों को कोविड-19 के प्रति निरंतर निगरानी रखने व इसकी जांच को बढाने के लिए दिशा निर्देश दिए है। पिछले कल कैबिनेट की बैठक में विस्तार से इस पर चर्चा की है। आगामी 10 मार्च को भी चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि भारत ने अपनी बौद्धिक और विनिर्माण संसाधनों का उचित और समयब़द्ध प्रयोग करके मेड-अन-इंडिया वैक्सीन निर्मित की है और यह टीका ना केवल देशवासियों को मिल रहा है अपितु विश्व के अन्य देशों को भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। प्रदेश में भी कोविड-19 वैक्सिन का टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चला जा रहा हैं। अधिकांश स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और अग्रिम श्रेणी सेवा प्रदाताओं का टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग अभियान छेड़ेगा और लोगों और विधायकों से भी अपील की कि जनता को जागरूक करें। मास्क, सोशल डिस्टैंसिग के साथ हाथ धोये और साबधानी बरतें। ताकि इस पर रोक लगाई जा सकें।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

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