भूतेश्वर मंदिर के पुजारी के हत्यारे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
शिमला 27 अगस्त । दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी भूतेश्वर मंदिर कांवती के पुजारी के हत्यारे पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। हालांकि पुलिस थाना ढली द्वारा इस हत्या की गुत्थी को सुलझाने के पुरजोर प्रयास किए जा रहे है। परंतु अभी पुजारी के हत्यारे का सुराग नहीं मिल पाया है ।
बता दें कि पीरन पंचायत में कावंती में भूतेश्वर देवता का बहुत प्रचीन मंदिर है जोकि अतीत से क्षेत्र की सात पचायतों पीरन, सतलाई, धरेच, चियोग, टयाली, शिलाबाग और सतोग के लोगों की आस्था का केंद्र है । हांलाकि भूतेश्वर महादेव को मूल स्थान कांवती के साथ बहने वाली नलटड़ी खडड के पानी के भंवर में माना जाता हैं जहां पर हर व्यक्ति का जाना वर्जित है । लोगों की सुविधा के लिए समिति द्वारा भूतेश्वर का मंदिर काफी वर्षों बनाया है जहां पर सुनील दास वर्ष 2021 से बतौर पुजारी कार्य कर रहे थे जोकि मूलतः महाराष्ट्र के बताए जा रहे है । इससे पहले इस मंदिन में तीन पुजारी कमल, सोहनलाल और रामदास रह चुके हैं ।
मंदिर समिति के अनुसार बीते आठ अगस्त की संांय को सुनील दास संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए थे । मोबाईल पर संपर्क साधने पर पुजारी का मोबाईल स्विच आॅफ पाया गया था । अनुवायायियों के अनुसार पुजारी का मृत शरीर 11 अगस्त की सांय को कुटिया से सिर्फ 15 मीटर की दूरी पर झाड़ियों में दयनीय अवस्था में मिला था । जिनके शरीर पर काफी निशान पाए गए थे । पंुलिस को सूचित करने पर ढली पुलिस ने पुजारी के शव को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवाया गया । इस दौरान फोरेंसिक विज्ञान टीम ने भी मौके पर से साक्ष्य एकत्रित किए गए थे । कुटिया की जांच पर पुजारी के बक्सें से 202040 रूपये की नकद राशि प्राप्त हुई थी ।
मंदिर समिति के प्रधान खजान सिंह और सचिव हरिचंद शर्मा ने सरकार से मांग की है कि इस हत्या मामले की जांच में और तेजी लाई जाए और निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए । समिति का कहना है कि मंदिर के विकास में पुजारी सुनील दास ने मंदिर तक सड़क व पानी लिफ्ट करने में अहम भूमिका निभाई है ।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिमला सुनील नेगी ने बताया कि पुलिस द्वारा हत्या की जांच हर पहलु से की जा रही है और हत्यारे शीघ्र ही सलाखों के पीछे होगे ।