शिमला,हिमशिखा न्यूज़
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भ्रष्टाचार के आरोपीयों, टी॰एम॰सी॰ के दो मंत्री एवं एक विधायक , को पूछताछ के लिये ले जाने पर टी॰एम॰सी॰ गुंडो द्वारा सी॰बी॰आई॰ कार्यालय के बाहर केंद्रीय सुरक्षा बल पर हमले की कड़ी निन्दा करती हैं और मानती है कि बंगाल में क़ानून व्यवस्था को हासिये पर पहुचाने और अराजकता को बढ़ावा देने में बंगाल की मुख्यमंत्री स्वयं ज़िम्मेदार है ।
तृणमूल नेताओं की गिरफ़्तारी के विरोध में टी॰एम॰सी॰ के गुंडे सी॰बी॰आई॰ के कार्यालय के सामने लॉकडाउन और कोविड प्रोटोकोल की धज्जियाँ उड़ाकर प्रदर्शन करने एकत्रित हुये वहाँ उपस्थित केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा रोकने पर उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बल पर हमला किया जो कि अत्यंत ही निंदनीय है ।
अभाविप हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने कहा की “पश्चिम बंगाल में सत्ता का गलत इस्तेमाल कर हिंसा का वातावरण बनाकर ममता बनर्जी ने तानाशाही होने का प्रमाण दे दिया है। मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद का गलत इस्तेमाल करते हुए जिस तरह ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल में हिंसा करने वाले गुंडों को सरंक्षण दिया जा रहा है और लोकतंत्र का चीरहरण करते हुए जिस तरह विपक्षी दलों के समर्थको के ऊपर जानलेवा हमले, लूटपाट की जा रही है यह किसी भी प्रदेश के लिए बहुत शर्मनाक है तथा निंदनीय है।”
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री सप्तऋषि सरकार ने कहा कि, ”बंगाल में चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद न्याय एवं क़ानून व्यवस्था हासिये पर पहुँच गयी हैं । अभी तक तो विपक्षी पार्टी और राजनैतिक लोगों को निशाना बनाया जा रहा था आज केंद्रीय सुरक्षा बल पर हमला करके टी॰एम॰सी॰ गुंडो ने राज्य सरकार के संरक्षण को जग ज़ाहिर कर दिया हैं” ।
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि,” जिस राज्य में मुख्यमंत्री स्वयं महिलाओं के साथ हुये दुराचार , हत्या और शारीरिक शोषण की घटनाओं पर आँख मूँद कर बैठी रही आज भ्रष्टाचार के आरोपियों को बचाने के लिए स्वयं सी॰बी॰आई॰ दफ़्तर पहुँच कर अपने पार्टी के लोगों से केंद्र बल पर हमला करवा रही है ।