Spread the love

शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 

प्रदेश में जैव-चिकित्सा अपशिष्ट निपटान सुविधा क्षमता 2.4 मीट्रिक टन से बढ़कर 6.4 मीट्रिक टन हुई

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेश्क डाॅ. निपुण जिंदल

बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट और डिस्पोजल सुविधा के लिए जिला ऊना के पंडोगा में मैसर्ज एनवायरो इंजीनियर को अधिकृत कर प्रदेश में बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट और डिस्पोजल सुविधा (सीबीडब्ल्यूटीएफ) क्षमता को 2.4 मिट्रिक टन से बढ़ाकर 6.4 मीट्रिक टन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक जिला सोलन के संदली और जिला कांगड़ा के डुगियारी में ही राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केवल मात्र दो ही सीबीडब्ल्यूटीएफ उपलब्ध थे। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान जैव-चिकित्सा अपशिष्ट निपटान के बुनियादी ढांचे का विस्तार जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के साथ-साथ कोविड-19 कचरे के वैज्ञानिक निपटान को सुनिश्चित करने के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।

राज्य में जैव चिकित्सा अपशिष्ट और कोविड-19 कचरे का निपटान सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के मुख्य सचिव द्वारा हितधारक विभागों की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य में 8921 स्वास्थ्य संस्थान है, जो बायोमेडिकल वेस्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम, 2016 के दायरे में आते है और इन स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा उत्पन्न लगभग 90 प्रतिशत कचरे का निपटान सामान्य सुविधाओं के माध्यम से किया जाता है और लगभग 10 प्रतिशत कचरे का निपटान उपचार और निपटान सुविधा के माध्यम से किया जाता है। कोविड-19 महामारी की स्थितियों ने कोविड-19 बायो-मेडिकल कचरे में काफी ज्यादा वृद्धि हुई है और जैव-चिकित्सा अपशिष्ट निपटान के बुनियादी ढांचे पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है, जिसका केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार निपटान आवश्यक है। वर्तमान में विभिन्न संस्थानों द्वारा लगभग 2.63 मीट्रिक टन प्रतिदिन कोविड-19 कचरे के निकलने की सूचना दी जा रही है, इसके अलावा, जैव-चिकित्सा अपशिष्ट का उत्पादन प्रतिदिन औसतन 1.46 मीट्रिक टन होता है।

मई 2020 के बाद से प्रदेश में कोविड-19 उपचार से संबंधित लगभग 385 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न हुआ है, जिसका निपटान किया गया है। कोविड-19 मरीजों के परीक्षण, निदान, उपचार व कवारंटीन के दौरान कचरे के प्रबंधन, उपचार और निपटान की हर संस्थान को कोविड-19 ट्रैकिंग एप्लिकेशन पर अपशिष्ट उत्पादन और निपटान विवरण की रिपोर्ट दैनिक आधार पर करना अनिवार्य है, जिसकी राज्य बोर्ड के साथ-साथ सीपीसीबी द्वारा निगरानी की जा रही है।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *