शिमला,हिमशिखा न्यूज़
‘‘आत्म विश्लेषण एवं आत्म परीक्षण करते हुए स्वयं का सुधार करके मानवता के लिए हम एक वरदान बनें’’
-सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज
दक्षिण भारत के कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश एवं तेलंगाना आदि
राज्यों के सभी जोनों द्वारा आयोजित वर्चुअल समागम में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने फरमाया कि
‘‘आत्म विश्लेषण एवं आत्म परीक्षण करते हुए स्वयं का सुधार करके मानवता के लिए हम एक वरदान
बनें।’’
सत्गुरू माता जी ने कहा कि यदि हम स्वयं को सुधारने पर केन्द्रित हो जायेंगे, तब हमें दूसरों की
कमियों को देखने का समय ही नहीं मिलेगा। छोटी-छोटी बातों पर भी जब हम संवेदनशील हो जायेंगे तब
हमारे मुख से ऐसी कोई बात नहीं निकलेगी जो किसी को चोट पहुंचाये। हमारा दैनिक जीवन हो या कोई
सेवा का अवसर; जब हम बिना प्रमाण के किसी भी बात को सही मान लेते हैं तब उसमें से बुनियादी तथ्य
छूट जाता है। परिणाम स्वरूप किसी के हृदय को ठेस पहुंचती है। अतः स्वयं को एक तरफ़ रखकर जो
ज़िम्मेदारी है उसको बखूबी निभाना है ताकि प्रत्येक व्यक्ति को हम खुशी ही दे पायें।
माता जी ने आगे कहा कि सन्तों, पीरों, वलियों ने युगों-युगों से जो मार्ग दर्शाया है, वही नेक और
सच्चा है। हमने उसी मार्ग पर चलकर संतुलित जीवन जीना है। परिवार, समाज, देश एवं मानवता के प्रति
जो हमारी भूमिका है उसे पूर्णतः निभाना है। हमारे अंदर का वास्तविक व्यक्तित्व तथा हमारे स्वभाव को
मिलाते हुए एक ऐसा चरित्र का निर्माण करना है कि जिससे हम अपने आप में एक सर्वोत्तम मनुष्य बन
पायें।