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शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 

हिमाचल उच्च शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों में सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के आदेश वापस ले लिए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से जारी पत्र में कहा है कि सरकार ने ट्यूशन फीस के अलावा सभी फंड कोरोना संकट को देखते हुए स्थगित किए थे। मई में जारी आदेशों को वापस लिया जाता है। उधर, पुरानी फीस वसूली पर असमंजस अभी बरकरार है। उच्च शिक्षा निदेशालय से जारी निर्देशों में लॉकडाउन की पूरी फीस लेने या ना लेने को लेकर स्थिति अस्पष्ट है। विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने से गुरेज कर रहे हैं। अधिकारियों की इस चुप्पी ने लाखों अभिभावकों को अधर में फंसा कर अपना पल्ला झाड़ लिया है।उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से बुधवार को प्रदेश के निजी स्कूलों के प्रिंसिपलों और हेडमास्टरों को जारी किए गए पत्र में बताया गया कि 26 मई 2020 को सरकार ने कोरोना संकट के चलते सिर्फ ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से लेने के निर्देश दिए थे। अब इन आदेशों को वापस ले लिया गया है। निदेशालय ने मंत्रिमंडल बैठक में हुए फैसले का हवाला देते हुए यह पत्र जारी किया है। निदेशालय की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान नहीं वसूले गए अन्य फंड जैसे बिल्डिंग फंड, मेंटेनस फंड, स्पोर्ट्स फंड, कंप्यूटर फीस और अन्य फंड भी निजी स्कूल अब ले सकते हैं या नहीं। निदेशालय की इस कार्यप्रणाली को लेकर अभिभावक असमंजस में हैं।प्रदेश के कई निजी स्कूलों से मंत्रिमंडल का फैसला होने के बाद से पुरानी फीस वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसको लेकर छात्र अभिभावक मंच उच्च शिक्षा निदेशालय प्रदर्शन कर अपना विरोध भी जता चुका है। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा का कहना है कि जब लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद थे तो निजी स्कूल किस आधार पर कंप्यूटर फीस, स्पोर्ट्स फंड सहित अन्य फंड वसूल रहे हैं। उन्होंने इस मामले को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

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