शिमला ,हिमशिखा न्यूज़
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सोमवार से कॉलेज शुरू हो गए। हालांकि शहर के सभी कॉलेजों में छात्र पहुंचे हैं, मगर पहले दिन छात्रों की उपस्थिति नाम मात्र की रही। संजौली कॉलेज में करीब दस फीसदी छात्र ही पहुंचे हैं। अन्य कॉलेज में इससे भी कम छात्र आए। कॉलेजों में छात्रों की भीड़ कम करने के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला अपनाया गया है।संजौली कालेज में यह तय किया गया है कि ऑड रोल नंबर और ईवन रोल नंबर के छात्र सप्ताह में तीन-तीन दिन दिन आएंगे। इनमें सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को ईवन रोल नंबर के छात्र और मंगलवार, वीरवार व शनिवार को ऑड रोल नंबर के छात्र आएंगे। मगर आरकेएमवी में उन विषयों की कक्षाओं में यह व्यवस्था रहेगी जिसमें छात्राओं की संख्या ज्यादा है।
इसी तरह कोटशेरा कॉलेज में तीन ग्रुप में रोलनंबरों को बांटा गया है। एक ग्रुप सोमवार व मंगलवार, दूसरा ग्रुप बुधवार व गुरुवार और तीसरा ग्रुप शुक्रवार व शनिवार को कॉलेज आएगा। कॉलेजों में सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन करवाया जा रहा है। इसके तहत कॉलेज गेट पर ही छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही।थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद छात्रों को सेनेटाइज भी किया जा रहा है। इसके बाद छात्रों को अपनी कक्षाओं में आने दिया जाएगा। छात्रों को कॉलेज कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। अभी तक कॉलेजों में सभी छात्रों के आईडी कार्ड नहीं बने हैं। ऐसे में कॉलेजों ने फैसला लिया है कि जब तक सभी छात्रों के आईकार्ड नहीं बन जाते हैं तब तक उनको अपनी रोल नंबर स्लिप साथ लानी होगी।
कोई भी छात्र बिना रोल नंबर स्लिप के कॉलेज गेट से अंदर नहीं आ सकते। इसकी कॉपी मोबाइल पर छात्र दिखा सकते हैं। वहीं, पीजी कॉलेज रामपुर बुशहर में सोमवार को 50 फीसदी छात्र पहुंचे थे। प्रिंसिपल डॉ केसी कशयप ने बताया कि कक्षाएं शुरू हो गई हैं। कक्षाओं के संचालन को लेकर शिक्षकों से चर्चा कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
देनी होगी अंडर टेकिंग
कॉलेज प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि कॉलेज भेजने के लिए वे अपने अभिभावकों से अंडर टेकिंग लेकर जरूर आएं। अभिभावकों से अंडर टेकिंग के बाद ही छात्रों को कक्षाओं में प्रवेश दिया जाएगा। संजौली कॉलेज के प्रिंसिपल सीबी मेहता का कहना है कि पहले दिन कॉलेज में छात्रों की बहुत कम उपस्थिति रही।कॉलेज ने पूरा प्लान तैयार कर दिया है। सोशल सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का पूरी तरह से पालन करवाया जाया रहा है। इसके लिए छात्र संगठनों, एनएसएस, एससीसी के छात्रों का भी सहयोग लिया जा रहा है।