शिमला,हिमशिखा न्यूज़
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि विभाग में आउटसोर्स पर रखे गए 989 कर्मचारियों को विभाग में मर्ज किया जाएगा। इस संबंध में प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक रमेश चंद धवाला के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने विभाग की कई स्कीमों को आउटसोर्स किया था। इस पर हर साल 14.21 करोड़ रुपये मरम्मत कार्यों पर खर्च करने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कीमों को ठीक ढंग से चलाने के लिए और आउटसोर्स पर रखे कर्मचारियों को पंप ऑपरेटर, फिटर, बेलदार, डाटा ऑपरेटर और इलेक्ट्रिशियन के पद पर रखा जाएगा।
सेल्फ फाइनेंस कोर्स से एकत्र हुए 43 करोड़ रुपये प्रदेश में विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में सेल्फ फाइनेंस/सोसायटी के तहत चलाए जा रहे प्रोफेशनल कोर्स के तहत 43 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित हुई है। विधायक नरेंद्र ठाकुर के सवाल का लिखित जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि यह राशि महाविद्यालयों में गठित समिति के नियंत्रण में रहती है। उच्च शिक्षा निदेशक ने संबंधित महाविद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं कि स्वयं पोषित योजना के तहत नियुक्त शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों के वेतन के अतिरिक्त अन्य खर्च करने लिए विभागीय मंजूरी लेना अनिवार्य है। 554 वोकेशनल शिक्षकों को नियमित करने का नहीं विचार हिमाचल प्रदेश में चल रहे व्यावसायिक शिक्षा वाले स्कूलों में नियुक्त 554 शिक्षकों को नियमित करने के लिए नीति बनाने का अभी सरकार का कोई विचार नहीं है। कांग्रेस विधायक इंद्रदत्त लखनपाल के सवाल का लिखित जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न ट्रेड के आउटसोर्स आधार पर नियुक्त वोकेशनल ट्रेनर/शिक्षकों को मानदेय के रूप में प्रतिमाह पंद्रह हजार रुपये निर्धारित किए गए हैं। एक वर्ष की सेवा पूरी होने पर 500 रुपये की वृद्धि भी की जाती है।