जसवां परागपुर,हिमशिखा न्यूज़
देश हेतू आजादी और विकास की यशगाथा लिखने बाले विप्लव ठाकुर परिवार पर झूठे प्रश्नों की ऊंगली उठाना उचित नहीं: राजेन्द्र शर्मा
भाजपा नेता एवँ पूर्व मन्त्री रविंद्र सिंह द्वारा राज्य सभा पूर्व सदस्य विप्लव ठाकुर पर की गई सियासी टिप्पणियों से हलका के कांग्रेसियों के मन क्रोध से भर गए हैं। प्रदेश कांग्रेस सचिव राजेन्द्र शर्मा ने भाजपा नेता रविंद्र से कहा कि आप यदि विप्लव ठाकुर की भांति राष्ट्रीय नेता के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते हो तो सियासत के मार्ग पर झूठ की नहीं ईमानदारी की लाठी को सहारा बना कर चलो। झूठ की बुनियाद पर कोई सियासी महल ज्यादा समय टिक नहीं सकता है़। उन्होनें कहा कि रविंद्र सिंह ने सस्ती सियासी शोहरत पाने की लालसा रखते हुए उस महान देश भक्त महिला नेत्री विप्लव ठाकुर के सामाजिक ब सियासी जीवन पर प्रश्नों की अपनी झूठी ऊंगली उठाई है़, जिसकी माता सरला शर्मा-पिता कामरेड परस राम दोनो ने स्वतंत्रता संग्राम को लाखो-लाख क्रांतिकारियों के साथ बराबर खड़े होकर रविंद्र सहित हम सब को आजाद देश भारत में खुली सांसे ले सकने का सौभाग्यशाली वातावरण दिया है़। इस गौरवमयी यशगाथा को रविंद्र भी तो मानते होंगे, लेकिन विकास में विप्लव ठाकुर और उनके परिवार का योगदान इन्होने इंका नेत्री से किन परिस्थितियों में पूछा यह तो हर किसी की समझ से बाहर है़। उन्होनें कहा की विप्लव ठाकुर ने अपने वक्तव्य में जो भी कहा था बह तो अनुराग ठाकुर के लिए था, पर समझ नहीं आया भाजपा नेता ने ‘छज्ज तां बोले पर छननि क्यों बोले’ वाली कहावत को चरितार्थ करना क्यों जरूरी समझा। राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि हिमाचल विशेष करके जसवां एरिया में सड़कों के निर्माण, आयुर्वेदिक अस्पतालों, पशु अस्पतालों, सरकारी स्कूलों को खोलने, हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर देने, टेरेस में इंडस्ट्रियल का दर्जा दिलवाने सहित अनेकों विकासात्मक कार्यों के साथ भाग्य रेखाएं संवारने में विप्लव ठाकुर और उनके परिवार का रहा बेमिसाल योगदान बह हर कोई नहीं भूल नहीं सकता जिसके शरीर के भीतर इन्सानियत का हृदय विराजमान है़। उनका कहना था कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जिनकी जिंदगियां समर्पित सेवा भाव से दौड़ती रही हों और जिस विप्लव ठाकुर का जन्म संघर्षों की जेल में हुआ हो, बह तो स्वाभाविक तौर पर आजादी पश्चात जनसेवा में ईमानदारी के साथ अपना सियासी और सामाजिक जीवन व्यतीत करेगी। उन्होनें कहा कि देश के लिए ऐसे संघर्षो के इतिहास लिखने वालों से आज कोई यह पूछे कि बताओ तुमने किया ही क्या है़, तो यह कितना उचित है़, बह समझदार जनता जानती है़। लोगों को पेश समस्याओं के दर्द की चुभन विप्लव और उनके भाई निखिल(मनु) अपने पेट में महसूस न करे, ऐसा कभी हो ही नहीं सकता।
प्रतिक्रिया
मैं आजादी संग्राम की किताबें पढ़ता हूं: पूर्व मन्त्री रवींद्र सिंह से जब प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होनें कहा कि मैने जो कहना था बह कह दिया है़ और स्वतंत्रता संग्राम की किताबें मैं भी पढ़ता हूं।
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