शिमला,हिमशिखा न्यूज़
कोरोना वायरस के बीच शिमला जल प्रबंधन निगम ने शहरवासियों को बड़ा झटका दिया है.शहर में पानी का जिम्मा संभाल रहा शिमला जल निगम ने शहरवासियों को एक साथ आठ माह के भारी भरकम जारी कर लोगों पर बोझ डाल दिया है.भारी भरकम बिलों को लेकर नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में खूब हंगामा हुआ. पार्षदों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए.आउट कहा कि हर माह बिल जारी करने का दावा करने वाली कंपनी तीन साल बाद भी आठ आठ माह के बिल एक साथ जारी कर रही है जिसके चलते निगम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है.पार्षदों का कहना था कि उपभोक्ताओं को एक साथ 8 महीनों के बिल जारी कर दिए हैं, जोकि लाखों में हैं इससे जनता की परेशानी बढ़ गई है.बिलों में भारी गड़बड़ी है, जिसे तुरंत दुरुस्त किया जाना चाहिए. निगम पार्षदों ने कहा कि लोगों को बहुत अधिक बिल थमाए गए हैं, इससे लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ गया है.जनता बिलों को देख परेशान है.पार्षदों ने आरोप लगाया कि बिलों में भारी गड़बडिय़ां हैं, ऐसे में बिलों को दुरुस्त करवाने के लिए अब लोगों को कंपनी कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.सदन में पार्षदों के विरोध देखते हुए कंपनी प्रबंधन की ओर से लोगों के बिलों से संबंधित शिकायतों का निपटारा करने के लिए एक अलग से सैल बनाने का फैसला लिया गया है.जहां लोगों की समस्याओं को सुलझाया जाएगा.बता दें कि जल निगम ने पानी की मीटर रीडिंग करने का जिम्मा ठेके पर दिया था लेकिन लॉक डाउन से पहले यानी 31 मार्च को ठेकेदार के साथ करार खत्म हो गया उसके बाद कंपनी ने दोबारा टेंडर आमंत्रित किए थे लेकिन कोरोना वायरस के चलते टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पाई अब जब कोरोना वायरस के नौ माह हो चुके हैं तो ऐसे में कंपनी ने एक बार फिर आठ माह के पानी के बिल एक साथ जारी कर दिए हैं जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है.