शिमला,हिमशिखा न्यूज़
निचार तहसील के काचे गांव में 27 वर्षीय युवक सुनील की हत्या के मामले में परिजनों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप लगाए हैं। मृतक के माता-पिता व रिश्तेदारों ने बुधवार को शिमला में प्रैस कांफ्रेंस कर सरकार से इस मामले की जांच एसआईटी से करवाने और भावानगर थाना प्रभारी व एसपी किन्नौर को भी ट्रांसफर करवाने की मांग की। सुनील की हत्या 6 नवंबर को की गई थी।सुनील के मामा राजेश नेगी ने कहा कि सुनील की तेजधार हथियार से हत्या की गई। हत्या के समय काचे गांव के दो युवक शशि व टीकम सिंह के अलावा नेपाली मूल के राजू और सुनील गाड़ी में शराब पी रहे थे। इस दौरान सुनील की हत्या कर दी गई। हालांकि इस बारे में भावानगर पुलिस को तुरंत सूचित कर दिया गया था, लेकिन पुलिस करीब दो घंटे लेट पहुंची, जबकि यहां 20 मिनट में पहुंचा जा सकता था।उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने एक मात्र नेपाली को पकड़ा और उसको ही हत्या का ओरापी बनाया। जब गांव वालों ने धरना प्रदर्शन किया तब जाकर पुलिस ने दोनों युवकों को इसमें नामजद किया गया। लेकिन पुलिस इस मामले की सही जांच नहीं कर रही और दोनों स्थानीय युवकों को बचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सुबह चार बजे इसकी एफआईआर दर्ज की और घटनास्थल को सील तक नहीं किया।माता-पिता को जांच में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस असली आरोपियों को बचा रही है। उन्होंने इस पूरे मामले में कुछ स्थानीय नेताओं पर सियासत करने का भी आरोप लगाया। परिजनों ने कहा कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने रखा है कि मामले की जांच एसआईटी से कराई जाए।