शिमला
हिमशिखा न्यूज़
करुणामूलक संघ हिमाचल प्रदेश का क्रमिक अनशन का चौथा दिन शुरू हो गया, 24-24 घण्टे के क्रम के अनुसार 25 अभ्यार्थी मौजूद रहे।करुणामूलक संघ के अध्यक्ष पमिल कुमार ने कहा कि हम सरकार से अपना अधिकार मांग रहे हैं कोई भीख नहीं मांग रहे हैं सरकार हमेशा ही खजाने खाली होने का बहाना देती रहती है जबकि हिमाचल प्रदेश में लगभग 4500 मामले सरकार और अनेक विभागों में निलंबित पड़े है और इन परिवारों को रोजी रोटी परिवार के लालन पालन के लाले पड़ गए हैं इसके ठीक उलट जब मंत्रियों और विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने की बात होती है तो चुटकियों में भत्ते बढ़ जाते हैं तब सरकार के पास बजट नहीं होने का कोई रोना नहीं होता। संघ का कहना यह है कहा कि वे कई बार स्थानीय विधायकों मंत्रियों यहां तक की हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से कई बार मिले हैं परंतु उन्हें अभी तक आश्वासन के सिवा कुछ भी हाथ नहीं लगा है जबकि इसके ठीक दूसरी ओर सरकार इन मामलों को नौकरी न देकर बाहर का रास्ता दिखा रही है और दिन प्रतिदिन नई-नई नीतियां लाकर इन परिवारों को जलील किया जा रहा है विभागाध्यक्ष के साथ मिलकर स्क्रीनिंग कमेटी में किसी न किसी नीति को आड़े लाकर अभ्यार्थियों को बाहर किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इसमें अपने चहेतों को बिना किसी शर्त से नौकरियां प्रदान कर रही है। जबकि आम जनमानस को दुखी किया जा रहा है। करुणामूलक संघ का कहना है कि सरकार ने एक हफ्ते तक हमारी मांगे नही मानी तो क्रमिक भूख हड़ताल के बाद ठीक 27 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने एक बार पुन सरकार से फिर से विनती करते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द इन परिवारों की दयनीय स्थिति को देखकर बिना किसी शर्त के वन टाइम रिलैक्सेशन के साथ सभी आश्रितों को नौकरी प्रदान करें अन्यथा इनके पास आमरण अनशन जैसे दिल को दहलाने वाले निर्णय के अलावा कुछ भी नहीं बचा है।
